उपकेशपुर (ओसियाँ) नगरी का इतिहास
भगवान पार्श्वनाथ के पांचवें पट्टधर आचार्य स्वयंप्रभसूरि हए । आपके शिष्य श....
नाहर वंश का इतिहास
नाहर वंश, परमार राजपुत जाति से निसृत हुआ है । भीनमाल के परमार राजा भीमसेन के ....
नाहरों की कुलदेवी
१) किंवदन्ती हैं कि आसधरजी की पीढ़ी में किसी समय दो प्रतिभाशाली पुत्र हुए । �....
भवानी चामुंडा देवी का आचार्य भगवान द्वारा सच्चाय माता नाम रखना |
आचार्यश्री उन नूतन श्रावकों को जैनधर्म का स्याद्वाद - तात्विक ज्ञान एवं आच�....
नाहर वंश - इतिहास के झरोखे से
।। श्री पार्श्वनाथाय नमः ।।
हमारे 23 वे तीर्थंकर प्रभु पार्श्वनाथजी की �....
नागौर (राजस्थान) की जानकारी
नागौर : जोधपुर से १३२ कि.मी दूरी पर हैं और नागौर से ओसियामाता का मंदिर �....